• इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि यदि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT/ कैट) प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम, 1985 के तहत अवमानना अधिकार क्षेत्र का उपयोग करके कोई आदेश पारित करता है,
तो उस आदेश के खिलाफ अपील केवल सुप्रीम कोर्ट में ही की जा सकती है, हाई कोर्ट में नहीं।
अधिकरणों (Tribunals) के आदेशों के खिलाफ अपील:
• टी. सुधाकर प्रसाद बनाम आंध्र प्रदेश सरकार (2001) मामले में, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने निर्णय दिया था,
कि अवमानना अधिकार क्षेल अधिकरण का अनन्य प्रयोग वाला अधिकार है।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि भले ही हाई कोर्ट, कैट के अन्य आदेशों के खिलाफ भारत के संविधान के अनुच्छेद 226/227 के तहत अपीलीय क्षेत्राधिकार का प्रयोग करता हो,
लेकिन प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम की धारा 17 (अवमानना) के तहत उसके (CAT) आदेश के खिलाफ केवल सुप्रीम कोर्ट में ही अपील की जा सकती है।
इसका अर्थ है कि कैट के सामान्य आदेशों के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है,
लेकिन अवमानना मामले में कैट के आदेश के खिलाफ केवल सुप्रीम कोर्ट में ही अपील की जा सकती है।
• इससे पहले, एल चंद्र कुमार बनाम भारत संघ (1997) मामले में अधिकरण के आदेशों के खिलाफ हाई कोर्ट के अपीलीय क्षेत्राधिकार को बहाल किया गया था।
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के बारे में:
• 42वें संविधान संशोधन (1976) के तहत संविधान में अनुच्छेद 323A जोड़कर प्रसाशनिक अधिकरणों की स्थापना का प्रावधान किया गया था।
इसी प्रावधान के तहत CAT की स्थापना की गई है।
• CAT का क्षेत्राधिकारः
यह संघ के या अन्य सरकारी नियंत्रण वाले प्राधिकरणों में,
लोक सेवाओं और अन्य पदों पर भर्ती एवं नियुक्त कर्मियों की सेवा की शर्तों के संबंध में विवादों व शिकायतों का निपटान करता है।
भारत में अधिकरण प्रणाली:
ये अर्ध-न्यायिक (Quasi-judicial) निकाय होते हैं।
• इनके उद्देश्य हैं:
• न्यायपालिका पर मुकदमों का बोझ कम करना और
• तकनीकी मामलों में विशेषज्ञता के आधार पर न्याय निर्णय सुनिश्चित करना।
संविधान में उपबंध(CAT):
अनुच्छेद 323A में प्रशासनिक अधिकरण और अनुच्छेद 323B अन्य मामलों के लिए अधिकरण की स्थापना संबंधी प्रावधान किए गए हैं।
अनुच्छेद 323A में केवल संसद को प्रशासनिक अधिकरण स्थापित करने का अधिकार दिया गया है
वहीं अनुच्छेद 323B के तहत राज्य विधान-मंडल को अपने यहां अधिकरण स्थापित करने का अधिकार दिया गया है।