गाजा में चल रहे युद्ध के बीच(Indian workers and Gaza war) भारतीय निर्माण श्रमिकों का पहला जत्था इजराइल के लिए रवाना हुआ।
• एनएसडीसी इंटरनेशनल भारतीय श्रमिकों को इजराइल भेजने की सुविधा प्रदान कर रहा है।
इन श्रमिकों को गवर्नमेंट- टू-गवर्नमेंट (जी2जी) समझौते के तहत भेजा जा रहा है।
• एनएसडीसी (राष्ट्रीय कौशल विकास निगम) इंटरनेशनल एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी है।
इसमें भारत सरकार की 49% हिस्सेदारी है।
• निर्माण श्रमिकों को युद्धग्रस्त क्षेत्रों में भेजना नैतिक प्रश्न उठाता है।
यह इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि भारत सरकार ने कुछ समय पहले भारतीयों को इजराइल छोड़कर किसी अन्य “सुरक्षित क्षेत्र” में जाने की सलाह जारी की थी।
युद्धग्रस्त क्षेत्रों में(Indian workers and Gaza war) श्रमिकों को भेजने पर उठे नैतिक मुद्दे:
जीवन बनाम आजीविका:
इजराइल भेजे जा रहे अधिकांश श्रमिक अत्यंत पिछड़े वर्ग से हैं। वे भारत की तुलना में इजराइल में अधिक वेतन के लालच में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
• श्रमिकों का शोषण: कई कार्यकर्ता दावा करते हैं कि इजराइल में अक्सर दूसरे देशों के श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।
नैतिक दुविधा:
हिंसा और युद्ध के दर्द के डर में रहने के कारण(Indian workers and Gaza war) श्रमिकों को मानसिक आघात का सामना करना पड़ सकता है।
• इसके अतिरिक्त, उन्हें हिंसा और पीड़ा के पीड़ितों की मदद करने या रिपोर्ट करने के बीच चयन करने की दुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
इज़राइल में(Indian workers and Gaza war) भारतीय श्रमिकों की सुरक्षा के लिए किए गए उपाय:
• इज़राइल में विशिष्ट श्रम बाज़ार क्षेत्रों में श्रमिकों के अस्थायी रोजगार की सुविधा पर रूपरेखा समझौता:
यह समझौता भारत से इज़राइल की यात्रा करने वाले निर्माण श्रमिकों और देखभाल श्रमिकों के रोजगार के लिए है।
इस समझौते के अनुसार:
• श्रम अधिकारों के मामले में भारतीय श्रमिकों को इज़राइली नागरिकों के बराबर माना जाएगा।
• भारतीय श्रमिकों को पर्याप्त आवास, चिकित्सा बीमा और आवश्यक सामाजिक सुरक्षा कवरेज के साथ-साथ कानून के अनुसार पारिश्रमिक और अन्य लाभ प्रदान किए जाएंगे।