ADR की रिपोर्ट(Criminalisation of Politics) के अनुसार,
44% मौजूदा सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और 5% सांसद अरबपति हैं।
• एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की इस रिपोर्ट में निम्नलिखित तथ्य भी उजागर किए गए हैं:
• आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे 50% सांसद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश से हैं।
• आपराधिक आरोपों(Criminalisation of Politics) का सामना कर रहे मौजूदा सांसदों में से 29% के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे आरोप शामिल हैं।
राजनीति केअपराधीकरण(Criminalisation of Politics) के बारे में:
• यह शासन प्रणाली में अपराधियों, कानून तोड़ने वालों और भ्रष्ट व्यक्तियों के प्रवेश को दर्शाता है।
वे देश और उसके नागरिकों की अनदेखी करते हुए अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हैं।
राजनीति के अपराधीकरण के लिए जिम्मेदार कारण:
• राजनीतिक दलों और अपराधियों के बीच बढ़ती सांठगांठ;
• अपराधियों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने से रोकने के लिए कानूनों और नियमों का अभाव।
• धनबल का प्रयोग, जैसे किसी अन्य अवैध उद्देश्य के लिए वोट खरीदना।
राजनीति के अपराधीकरण के प्रभाव:
• यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रणाली के विरुद्ध है।
• यह सुशासन और लोक सेवकों की ईमानदारी को प्रभावित करता है।
• रिश्वत लेना, सार्वजनिक धन का गबन आदि जैसी भ्रष्ट गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
• समाज के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुँचाता है।
राजनीति के अपराधीकरण(Criminalisation of Politics) को रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय:
• लिली थॉमस बनाम भारत संघ (2013):
जिन सांसदों और विधायकों को किसी अपराध के लिए कम से कम 2 साल की जेल की सजा सुनाई गई है,
वे सजा की तारीख से संबंधित सदन के सदस्य नहीं रहेंगे।
• पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन बनाम भारत संघ (2018):
किसी व्यक्ति के खिलाफ लगाए गए आपराधिक आरोपों के आधार पर उसे विधायी निकाय की सदस्यता से अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता।